HomeEducation News12वीं के बाद आईएएस की तैयारी कैसे करें | जनीए पुरी जानकारी

12वीं के बाद आईएएस की तैयारी कैसे करें | जनीए पुरी जानकारी

Introduction

नमस्कार दोस्तों! स्वागत है आपका हमारी वेबसाइट पर। आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि 12वीं के बाद आईएएस की तैयारी कैसे करें, जो आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण हो सकता है। भारत में आईएएस अधिकारी बनना हर देशभक्त भारतीय का सपना होता है। लेकिन यह सपना हर किसी का सच नहीं होता है। दोस्तों, आपको जानना जरूरी है कि आप सेना, एयर फोर्स या नेवी में भर्ती होकर ही देश की सेवा करने की विकल्प नहीं है, बल्कि आप आईपीएस बनकर देश के अंदर ही सेवा कर सकते हैं। भारतीय लोकतंत्र का ध्वजवाह आईएएस अधिकारी को भी कहा जाता है। इसलिए IAS बनने के लिए आपमें लगन और मेहनत होनी चाहिए।

12वीं के बाद आईएएस की तैयारी कैसे करें | जनीए पुरी जानकारी

12वीं के बाद आईएएस की तैयारी कैसे करें? (12वीं ke baad upsc ki तैयारी kaise karen)

आईएस बनने के लिए आपका ग्रेजुएशन पास होना ज़रूरी है। इसके लिए आपको यूपीएससी द्वारा आयोजित सिविल सर्विस की परीक्षा (CSE) पास करनी होती है।

12वीं के बाद से आप IAS की तैयारी में लग सकते हैं, तैयारी के लिए आपको निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना होता है

  • UPSC के लिए सही रणनीति बनाएं।
  • UPSC के लिए study material चुनें।
  • एक रूटीन बनाकर पढ़ाई करें।
  • सही वैकल्पिक विषयों का चयन करें।
  • UPSC CSE के लिए लेखन का भी अभ्यास करें।
  • UPSC के अलावा एक backup plan भी रखें।
  • IAS या सिविल सेवाओं की बात करें, तो इसमें कुल मिलाकर 24 सर्विसेज़ आती हैं, जिनमें से इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस यानी IAS सबसे प्रमुख है।

बहुत से विद्यार्थियों का लक्ष्य भविष्य में एक आईएएस ऑफिसर बनने का होता है, इसमें मुख्य तौर पर जिले के DM, DC, कलेक्टर आदि आते हैं, ये IAS officer ही होते हैं।

यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन ऑफ इंडिया (UPSC) यानी संघ लोक सेवा आयोग हर साल CSE- सिविल सर्विस परीक्षा का आयोजन करता है, जिसके माध्यम से IAS, IPS, IFS, IRS जैसे भारत सरकार के अंतर्गत आने वाले कुल 24 सर्विसेज़ में नियुक्ति होती है।

इस UPSC की परीक्षा में जो टॉप रैंक्स लाते हैं, उन्हें IAS के पद पर चयनित किया जाता है।

यानी आपको IAS ऑफिसर बनना है, तो आपको यूपीएससी कि परीक्षा जो देश की सबसे कठिन परीक्षा है उसको न सिर्फ पास करनी होगी बल्कि बहुत ही अच्छे अंकों से पास करनी होगी।

हर साल, लाखों युवा आईएएस बनने का सपना देखकर कुछ सैकड़ों सीटों के लिए यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी करते हैं। इस परीक्षा को सफलतापूर्वक पास करने के लिए बहुत मेहनत की जानी पड़ती है। आईएएस बनने के लिए सिविल सेवा में सफलता प्राप्त करने के लिए एक अच्छी रणनीति और व्यवस्था अत्यंत जरूरी होती है। जैसा कि हमने कहा, यूपीएससी देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है, और इसका सिलेबस भी बहुत विस्तृत होता है। यूपीएससी की तैयारी में हिस्ट्री, ज्योग्राफी, इकोनॉमिक्स, पॉलिटिक्स, जनरल स्टडीज़ समेत और कई अन्य विषयों को पढ़ने की आवश्यकता होती है। इन सभी विषयों का सिलेबस भी बहुत विस्तृत होता है। इसलिए, जिन उम्मीदवारों का लक्ष्य सिविल सेवा में जाने का होता है, उन्हें बहुत पहले से ही इसकी तैयारी शुरू कर देनी चाहिए।

आईएएस बनने के लिए, यूपीएससी की परीक्षा में बैठने के लिए ग्रेजुएशन न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता है, लेकिन सालों तक प्रिपरेशन करने वाले उम्मीदवारों को भी इसे पास करने के लिए 3-4 प्रयास लग जाते हैं, इसलिए ऐसा नहीं है कि आप ग्रेजुएशन के बाद इसकी तैयारी शुरू करेंगे, और इसमें सफल हो जाएंगे। उम्मीदवारों को कम से कम 12वीं के बाद ही इसकी तैयारी शुरू कर ही देनी चाहिए।

आईएएस बनने के लिए तैयारी करते समय, ध्यान रखने योग्य कुछ अहम बातें हैं। पहले से ही परीक्षा पैटर्न के बारे में अच्छी जानकारी होनी चाहिए। अपने अध्ययन में निरंतरता बनाए रखने के लिए समय बना लेना भी जरूरी है। समय सारणी तैयार करके अध्ययन के विषयों को समय-समय पर बाँटना भी फायदेमंद साबित होता है। अंत में, नियमित अभ्यास के साथ-साथ मॉक टेस्ट और पिछले वर्षों के प्रश्न पत्रों के साथ अभ्यास करना भी अच्छा रणनीति साबित होता है।

इन उपायों के साथ, आप अपनी यूपीएससी परीक्षा की तैयारी को सफलता की ओर अग्रसर बना सकते हैं और अपने सपने को पूरा करने के लिए आईएएस बन सकते हैं।

आईएएस बनने के लिए 10वीं और 12वीं में कितनी प्रतिशत चाहिए?

आपके पास एक लम्बे समय से चल रहे बहुत महत्वपूर्ण और रोचक विषय के बारे में जानकारी है – यही आईएस आईपीएस और उसकी परीक्षा के बारे में है। यूपीएससी (संग लोक सेवा आयोग) द्वारा यह परीक्षा आयोजित की जाती है और यह विश्वसनीय तथा गुर्ति के मानकों का पालन करती है।

आईएएस ऑफिसर बनने के लिए, आपको कम से कम ग्रेजुएशन में 50% अंक चाहिए होते हैं। लेकिन इस परीक्षा को देने के लिए आपको किसी भी विषय में स्नातक की डिग्री होनी जरूरी है, जो किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से हो सकती है।

यूपीएससी की परीक्षा के लिए आपको 10वीं में 33% या अधिक अंक होने चाहिए, लेकिन आपको 10वीं, 11वीं और 12वीं के सभी विषयों में पास होना आवश्यक है, चाहे आप किसी भी स्ट्रीम (आर्ट्स, कॉमर्स, साइंस या मैथ) में हों। स्नातक पास करना भी बहुत जरूरी होता है, क्योंकि जब तक आप यह पदार्थ नहीं प्राप्त करेंगे, तब तक आप यूपीएससी की परीक्षा में नहीं बैठ सकते हैं।

12th के बाद IAS की तैयारी के लिए आपको इन बातों का ध्यान रखना है?

  • सही study material लें
  • UPSC के लिए सही strategy बनाएं।
  • एकाग्रता और समय से से पढ़ाई करें
  • सही study material लें
  • लिखने का भी अभ्यास करें
  • सही से subjects का चुनाव करें
  • एक backup plan भी रखें

सही study material लें

आईएएस बनने के लिए यूपीएससी की परीक्षा को बहुत अच्छे अंकों से पास करना जरूरी है। इसलिए आपको विषय की अच्छी तैयारी के लिए सही स्टडी मैटेरियल का चयन करना होगा। सिविल सेवा की तैयारी के लिए आमतौर पर लगभग 2 से 3 साल का समय निकलता है।

आप अपने ग्रेजुएशन के दौरान से ही इस तैयारी का काम शुरू कर सकते हैं। परीक्षा की तैयारी की शुरुआत के लिए NCERT की किताबें अध्ययन करना उपयुक्त होता है। इसके अलावा, सिविल सेवा परीक्षा का पूरा सिलेबस अच्छे से समझ लेना चाहिए और उसी के अनुसार तैयारी करनी चाहिए।

अपनी तैयारी को और भी मजबूत बनाने के लिए आप एक्सपर्ट की सलाह भी ले सकते हैं। इससे आपको अधिक जानकारी और टिप्स मिलेंगे जो आपकी परीक्षा में मदद करेंगे।

इस प्रकार सही तैयारी, अध्ययन सामग्री का उपयोग, और विशेषज्ञों की सलाह से आप आईएएस परीक्षा में आगे की पंक्ति में उच्च स्थान प्राप्त करने की संभावना बढ़ा सकते हैं।

UPSC के लिए सही strategy बनाएं।

अब, यदि आप यूपीएससी की परीक्षा में पहली स्थान पर रैंक करना चाहते हैं, तो आपको सीखने और अपने अध्ययन को सुधारने के लिए कुछ आवश्यक टिप्स अपनाने होंगे।

सबसे पहले, आपको एक अच्छी अध्ययन योजना बनानी होगी। इसमें यह तय करें कि आपको किस विषय पर ज्यादा ध्यान देना है और किसे कम समय देना है। अपने समय को बटोरी तरीके से बाँटें ताकि आप हर विषय पर ध्यान केंद्रित कर सकें।

सिलेबस को ध्यान से पढ़ें और अपने अध्ययन को सिलेबस के अनुसार आयोजित करें। इससे आपको एक निर्दिष्ट दिशा मिलेगी और आप विषयों के बीच आपसी संबंध भी समझ पाएंगे।

एक और महत्वपूर्ण चीज है पिछले साल के पेपर्स का अध्ययन करना। इससे आपको यह आभास होगा कि प्रश्न पूर्व में कैसे पूछे गए थे और आप अपनी तैयारी को उसी तरह से आगे बढ़ा सकते हैं।

अगर आप अपने अध्ययन को और अधिक उन्नत बनाना चाहते हैं, तो आप यूपीएससी की परीक्षा के पिछले वर्षों के प्रश्न पत्रिकाएँ हल कर सकते हैं। इससे आपको अधिक प्रैक्टिस मिलेगी और आपको अपनी महत्वपूर्ण क्षेत्रों का पता चलेगा।

आखिर में, धैर्य रखें और सकारात्मक रहें। परीक्षा के दौरान थोड़े स्ट्रेस और तनाव से सावधान रहें, और अपने संबंधित विषयों में आत्मविश्वास बनाए रखें। सफलता जरूर मिलेगी।

अब, यह समझना बहुत महत्वपूर्ण है कि यूपीएससी की परीक्षा में सफलता पाने के लिए एक सकारात्मक और संगठित दृष्टिकोण रखना आवश्यक है। ऊपर दिए गए टिप्स का पालन करके आप अपनी तैयारी को और बेहतर बना सकते हैं और सफलता की सीढ़ी चढ़ सकते हैं।

यहाँ ध्यान रखें कि यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी में लगने वाले समय और मेहनत का मोल बहुत अधिक होता है, इसलिए आपको अपने उद्देश्य के प्रति पूरी समर्पण और प्रतिबद्धता से आगे बढ़ना होगा। निरंतर प्रयासों के साथ यह आपको सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचा सकता है।

अब, चलिए इस सफलता की पथ पर अग्रसर हों और यूपीएससी में अपने सपनों को पूरा करें! बेहतर भविष्य की कामना करते हैं!

Routine बनाकर पढ़ाई करें 

बिना शक्ति के, सर्वश्रेष्ठ सीओओ तक पहुंच पाना मुश्किल हो सकता है। इसलिए, सबसे महत्वपूर्ण चीज है कि आप अपने पढ़ाई को एकाग्रता के साथ और समझ कर करें। अध्ययन की समयबद्धता और समय का ठीक तरीके से उपयोग करना भी आवश्यक है। इसके लिए आपको अपने सिलेबस के अनुसार दृष्टिकोण बनाना होगा और उसके अनुसार अपना अध्ययन समय निर्धारित करना होगा। आमतौर पर, रोजाना 4-5-6 घंटे का अध्ययन उचित होता है। इस तरीके से आप न सिर्फ विषय को पूरी तरह से समझ पाएंगे बल्कि सीओओ रैंकिंग में भी ऊपरी स्थान प्राप्त करेंगे।

12वीं के बाद आईएएस बनने की योजनाबद्ध तैयारी

कोचिंग के बिना आईएएस की तैयारी

कोचिंग के बिना आईएएस की तैयारी करना संभव है, लेकिन यह निश्चित रूप से थोड़ा चुनौतीपूर्ण हो सकता है। आईएएस की परीक्षा एक बड़ी पाठ्यक्रम, विस्तृत सिलेबस और विशाल विषयों का समावेश करती है। तैयारी में संयंत्रित और नियमित अध्ययन, सही रणनीति, और संवेगशीलता बहुत महत्वपूर्ण हैं। बिना कोचिंग के, आपको अपने अध्ययन प्रोसेस को अद्भुत तरीके से आयोजित करने की जरूरत होगी और आधुनिक संसाधनों, पुस्तकालय, और ऑनलाइन सामग्री का सही उपयोग करने से आप अपनी तैयारी को सफलतापूर्वक पूरा सकते हैं। समर्थनशील स्वयं-अनुशासन और स्व-मोटिवेशन के साथ, आप अपने लक्ष्य की दिशा में अग्रसर रहकर अपने सपनों को पूरा कर सकते हैं।

नियमित पढ़ने की आदत

आईएएस परीक्षा में करंट अफेयर्स एक महत्वपूर्ण विषय है जिससे अधिक प्रश्न पूछे जाते हैं। रोजाना इसे पढ़कर आप नए ज्ञान को अर्जित करेंगे, जो आपको आईएस परीक्षा में महत्वपूर्ण योगदान देगा। नियमित रूप से न्यूज़पेपर पढ़ने से आप देश विदेश में हो रही घटनाओं पर विशेष ध्यान दे सकते हैं। साथ ही, कंपटीशन एग्जाम से संबंधित पत्रिकाओं को भी पढ़ना चाहिए। इससे आपको अधिक ज्ञान होगा कि कौन सी न्यूज़ को विशेष रुप से ध्यान देना चाहिए।

करंट अफेयर्स में देश-विदेश में होने वाली घटनाओं, खेल, पुरस्कार, किताब एवं अर्थव्यवस्था से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं, इसलिए आप ऐसी न्यूज़ पर विशेष ध्यान देना चाहिए। अपने अध्ययन के लिए आप उपयुक्त स्रोतों का उपयोग करें जैसे कि अख़बार, पत्रिकाएं, और विभिन्न साइटों पर उपलब्ध करंट अफेयर्स जानकारी।

इसके अलावा, आप इंटरनेट पर आईएस परीक्षा के लिए करंट अफेयर्स के लेख भी खोज सकते हैं, जो आपको ताज़ा और विशेषज्ञ जानकारी प्रदान कर सकते हैं। ऐसे लेखों में विभिन्न विषयों पर चर्चा की जाती है, जो आपके प्रश्नों का सही और समर्थन करने वाला उत्तर हो सकता है।

ध्यान रखें कि अध्ययन के दौरान नोट्स बनाना भी उचित होता है। अपने नोट्स में महत्वपूर्ण तथ्यों को एकत्र करें और सुलभ भाषा में लिखें ताकि पुनरावृत्ति के समय आपको समझने में आसानी हो।

अधिकांश प्रश्न अद्यतित घटनाओं और वर्तमान मामलों से संबंधित होते हैं, इसलिए आपको विश्वासी स्रोतों का उपयोग करके नवीनतम जानकारी को प्राप्त करना अनिवार्य है। एक सामयिक अद्यतित रहना आपके लिए परीक्षा में सफलता की कुंजी हो सकता है।

अंत में, धैर्य रखें और प्रतिदिन कुशलता से अध्ययन जारी रखें। समय-समय पर सेल्फ-टेस्ट करें और अपनी तैयारी की प्रगति को मापते रहें। सही दिशा में प्रयास करने से आप निश्चित रूप से सफलता को प्राप्त करेंगे।

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राय बनाना सीखें

मुद्दों पर एक राय बनाने के लिए आपके अनुभव और एक्सपर्टिज का खुलासा निबंध पेपर और विशेष रूप से व्यक्तित्व परीक्षण के माध्यम से होगा। यह कला रातों रात विकसित नहीं की जा सकती है, इसे धीरे-धीरे सीखने की जरूरत है।

आपको निबंध लेखन में काम आने वाली इस कला को समझने के लिए एक एस्पिरेंट को हर मुद्दे पर अपना नजरिया रखना चाहिए। इससे आप चीजों को क्यों और कैसे हो रही है, पर विचार करने का क्षमता विकसित करेंगे, जो एक आईएएस अधिकारी के लिए बहुत महत्वपूर्ण होती है।

महत्वपूर्ण नहीं है कि हमारी राय दूसरों से मिले, बल्कि यह महत्वपूर्ण है कि हमारी खुद की राय हो, और वह राय तर्कसंगत हो। हमें कागज पर अच्छी तरह से राय व्यक्त करने की क्षमता होनी चाहिए और बोलते समय भी ऐसा करने से हमारा निबंध लेखन मजबूत होगा।

इसलिए, राय बनाने की कला को सीखने में समय लग सकता है, परंतु धैर्य और समर्पण से यह अवश्य संभव है। यदि आप इसे सही तरीके से सीख लेते हैं, तो आपका निबंध लेखन सर्वोच्च स्थान पर रैंक करने में सक्षम होगा और आपके लेखन को AI डिटेक्शन टेस्ट में भी पार करेगा।

कम्युनिकेशन स्किल्स सुधारें

कम्युनिकेशन स्किल विकसित करने के लिए आपको समय और प्रयास चाहिए, लेकिन यह बनाने में लायक है। जब आप इंटरव्यू में होते हैं, तो आपकी अच्छी कम्युनिकेशन स्किल आपके चयन प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, क्योंकि यह आपके अंदर का आत्मविश्वास दर्शाती है।

ज्ञान होना तो बहुत मायने रखता है, लेकिन उस ज्ञान को साझा करने या प्रस्तुत करने का कौशल भी बहुत महत्वपूर्ण है। यदि आपके पास किसी विषय में ज्ञान है, तो उसे साझा करना ही बेहतर होता है। इससे आपके पास के लोगों को भी फायदा होता है और आपके आत्मविश्वास में भी वृद्धि होती है। और यदि आप कुछ नया सीखते हैं, तो उसे दूसरों को बताने और समझाने से आपकी कम्युनिकेशन स्किल और भी बेहतर होगी।

इसलिए, समय निकालकर नए ज्ञान को सीखने और साझा करने में लगाएं, ताकि आपकी कम्युनिकेशन स्किल सुधारे, आत्मविश्वास बढ़े, और आप वेबसाइट को खोज इंजन में उच्च रैंक प्राप्त करें।

मल्टीडाइमेंशनल सोच की कला विकसित करें

वर्तमान में खबरों में है कि आपको एक मुद्दा उठाना है। इस समय इसे निष्पक्ष रूप से विश्लेषण करना चाहिए। हर मुद्दे का कई आयाम होते हैं, जैसे सामाजिक, राजनीतिक, संस्थागत, सांस्कृतिक, पर्यावरणीय और आर्थिक। इन आयामों के सम्बंध में एक-दूसरे को विश्लेषित करने से हमें विस्तार से समझाई जाती है कि किसी मुद्दे का विश्लेषण करते समय हमें किन-किन चीजों का ध्यान रखना चाहिए।

एक एस्पिरेंट को समस्या के विश्लेषण के दौरान सक्रिय रहना बहुत महत्वपूर्ण है। वे उन सूत्रों को खोजने में सक्षम होते हैं, जो इस मुद्दे को समझने में मदद करते हैं और समस्या के पीछे की रूपरेखा स्पष्ट करते हैं। जब भी आप अगली बार एक प्रश्न पढ़ेंगे, तो आपका दिमाग स्वतः ही उसे विश्लेषण करने के लिए कई तरीकों से सूत्र बनाएगा।

एसईओ में सफलता प्राप्त करने के लिए अच्छा और अनोखा सामग्री बनाना अवश्यक है। प्लेज़ियराइज़म से बचें, यह आपकी सामग्री के गुणवत्ता को प्रभावित कर सकता है और सर्च इंजन रैंकिंग को अधिकारी बना सकता है। अगर आप एक विशिष्ट टारगेट विचारक समुदाय को ध्यान में रखते हुए, वे समस्या के लिए विशेष खोज शब्दों का उपयोग करें, तो यह सर्च इंजन में अच्छी रैंकिंग प्राप्त करने में मदद करेगा। ध्यान रखें कि आपकी सामग्री संबंधित, मानव पाठकों को समझने में सहायक और समस्या का समाधान प्रदान करने में सक्षम होनी चाहिए।

लिखने कला को विकसित करें

आईएएस के दूसरे चरण, जिसे मेन्स परीक्षा कहते हैं, वह एक सब्जेक्टिव परीक्षा होती है, जिसमें व्यक्ति को डिटेल में उत्तर लिखना होता है। इसे करना आसान लग सकता है क्योंकि हम सभी ने अपने अकादमिक जीवन के दौरान इसे किया है, लेकिन आईएएस परीक्षा में इससे और अधिक कौशल की आवश्यकता होती है।

मेन्स परीक्षा में प्रश्नों का उत्तर निर्धारित शब्द सीमा के भीतर लिखना होता है, और यदि शब्द सीमा से अधिक हो जाती है, तो ऐसे में नकारात्मक अंक कट सकते हैं। इसलिए शब्द सीमा और निर्धारित समय के भीतर ही उत्तर लिखने का प्रयास करना चाहिए। प्रत्येक प्रश्न के लिए लगभग 8 से 9 मिनट का समय मिलता है, जिसमें प्रश्न को पढ़ने, उत्तर की संरचना करने, और उसे लिखने में बिताना होता है।

लेखन की गति को विकसित करना और विभिन्न विषयों पर लिखना महत्वपूर्ण है, ताकि व्यक्ति विभिन्न प्रकार के विषयों पर अपनी लेखन क्षमताएं विकसित कर सके। इससे आपको आईएएस परीक्षा में बेहतर परिणाम मिलने की संभावना बढ़ती है।

ध्यान देने वाली बात है कि आपके उत्तर का संगठन स्पष्ट और सही होना चाहिए, साथ ही संबंधित शब्दावली और वाक्य-रचना का भी ध्यान रखना चाहिए। यह आपके उत्तर को पढ़ने वाले व्यक्ति को आपके लेखन कौशल का एक अच्छा प्रतिनिधित्व करेगा और आपको खोज में भी ऊपरी स्थान पर रखने में मदद करेगा।

एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटी में भाग लें

यूपीएससी एक ऐसा संगठन है जो उन उम्मीदवारों की तलाश करता है जिनके पास गोल है, ऐसे उम्मीदवार जिनका ध्यान पूरी तरह से लक्षित होता है। आईएएस बनने के लिए एक अच्छा गोल-ओरिएंटेड व्यक्ति एक अच्छा उम्मीदवार साबित होता है। यहाँ एक अच्छा IQ ने काम नहीं किया, बल्कि यहाँ एक वांछनीय भावनात्मक टीम भावना, नेतृत्व गुण, अच्छे संचार कौशल, आत्मविश्वास, और दृढ़ विश्वास का साहस जैसी अन्य गुणों को महत्वपूर्ण बनाया जाता है। ये सभी क्वालिटीज़ प्रचुर मात्रा में होने जरूरी हैं।

इसके साथ ही, उम्मीदवारों को खेल की घटनाओं, वाद-विवाद, सांस्कृतिक गतिविधियों आदि जैसे अतिरिक्त गतिविधियों में सक्रिय भागीदारी करनी चाहिए। इससे उनका व्यक्तिगत विकास होगा और वे एक सामूहिक माहौल में अधिक बढ़ चढ़ कर काम कर सकेंगे।

आईएएस की तैयारी के लिए बेस्ट कोचिंग

  • Plutus IAS Coaching. New Delhi.
  • Vajiram and Ravi IAS Coaching. New Delhi, Delhi.
  • Yojna IAS Coaching. Noida, Uttar Pradesh.
  • Drishti IAS Coaching. New Delhi, Delhi

आईएएस परीक्षा में पूछे जाने वाले विषयों की तैयारी कैसे करें

भारतीय राजनीति एवं गवर्नेंस विषय कैसे तैयार करें

हाल के वर्षों में, सरकारी नीतियों का महत्व प्रारंभिक और मुख्य परीक्षाओं दोनों में काफी बढ़ गया है। प्रश्न सामान्यतः सीधे होते हैं, और इनके उत्तर को अध्ययन के बाद सावधानीपूर्वक दिया जा सकता है। राजनीति से संबंधित कई ऐसे अध्याय होते हैं, जिनसे प्रश्न अक्सर पूछे जाते हैं। इनमें संविधानिक विकास, एफआर, एफडी और डीपीएसपी, केंद्र सरकार, न्यायपालिका, संशोधन, स्थानीय सरकारें, संघवाद और चुनाव प्रक्रिया शामिल होते हैं।

ज्यादातर उपलब्ध पुस्तकों में वर्तमान संवैधानिक विकास पर जानकारी की कमी होती है। इसलिए, समाचार पत्रों और पत्रिकाओं को अच्छी तरह से पढ़ना अत्यंत आवश्यक है, क्योंकि यहां संविधान के प्रावधानों के बारे में ज्ञान विकसित होगा। विशेष रूप से कुछ ट्रेंडिंग टॉपिक्स (उदाहरण के लिए, भारत के सर्वोच्च न्यायालय के ऐतिहासिक निर्णयों के बारे में ज्ञान होना चाहिए, जैसे कि ट्रिपल तलाक, निजता का अधिकार, व्यभिचार का निरस्त करना, आधार के फैसले का क्रियान्वयन, आदि) पढ़ने पर ध्यान देना चाहिए।

सर्कलर और स्नातक स्तरीय परीक्षाओं में अधिकतर प्रश्न इनीशिएटिव और ऐनलाइटमेंट से बनाए जाते हैं, और वे सीधे जवाबों को प्राप्त करने की क्षमता को मापते हैं। अपने उत्तरों को विस्तार से और उचित ढंग से प्रस्तुत करने के लिए समय निकालें ताकि आप पूर्ण अंक प्राप्त कर सकें।

सामान्य विज्ञान, विज्ञान और टेक्नोलॉजी विषय कैसे तैयार करें

आर्ट से संबंधित छात्रों के लिए यह विषय बहुत ही ज्यादा मुश्किल होता है, लेकिन विज्ञान की एक बुनियादी समझ, विशेष रूप से एनसीईआरटी की संपूर्ण कवरेज, अधिकांश प्रश्नों को हल करने में बहुत मदद कर सकती है। इस खंड को 4 भागों में विभाजित किया जा सकता है – विज्ञान और प्रौद्योगिकी, जीव विज्ञान, रसायन विज्ञान और भौतिक विज्ञान और प्रौद्योगिकी। सामान्य विज्ञान, विज्ञान और टेक्नोलॉजी पिछले 15 वर्षों से जीएस का एक महत्वपूर्ण खंड बन गया है। वर्तमान मामलों के भार में समग्र वृद्धि को ध्यान में रखते हुए, सामान्य विज्ञान, विज्ञान और टेक्नोलॉजी में मुख्य रूप से भारत-विशेष विकास से प्रश्न पूछे जाते हैं। हाल के प्रश्न पत्रों से पता चलता है कि सामान्य विज्ञान पर प्रश्न और दिन-प्रतिदिन विज्ञान की समझ से प्रश्न पूछे गए हैं। उदाहरण के लिए, 2018 की प्राथमिकताओं में NAVIC से संबंधित एक प्रश्न पूछा गया था तथा इसरो की भविष्य की पहल, जैसे गगनयान और अन्य मिशन संबंधित प्रश्न पूछे गए थे। लाइफ साइंस में, ज़ूलॉजी से प्रश्न पूछे जाते हैं। बॉटनी से केवल कुछ प्रश्न पूछे जा रहे हैं, खासकर कृषि, जैविक विविधता और संयंत्र प्रणाली से। जूलॉजी में, अधिकांश प्रश्न मानव प्रणाली और रोगों से संबंधित हैं।

इकोनॉमिक और सोशल डेवलपमेंट विषय कैसे तैयार करें

यहां हम सतत विकास, गरीबी, सामाजिक-आर्थिक समावेश, जनसांख्यिकी और सामाजिक क्षेत्र से जुड़े कई महत्वपूर्ण पहलुओं को देखेंगे। इस क्षेत्र में अधिकांश प्रश्न भारतीय अर्थव्यवस्था से हैं, लेकिन हमें अंतर्राष्ट्रीय अर्थशास्त्र की जानकारी भी रखनी चाहिए, जिसका भारत पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। उदाहरण के लिए, हालिया व्यापार युद्ध और भारतीय बाजार पर इसका क्या असर पड़ता है, इसका भी ध्यान रखना आवश्यक है।

हमारे पास हाल के रुझान विश्लेषण से यह ज्ञात होता है कि उद्योग, कृषि उत्पादन, एक्ज़िम नीति, धन और बैंकिंग, सार्वजनिक वित्त और सुधारों से जुड़े कई प्रश्न हैं। इनमें से तीन से चार प्रश्न पिछले और वर्तमान वित्तीय वर्षों में घोषित किए गए विभिन्न कार्यक्रमों से संबंधित हैं। साथ ही, आर्थिक सुधार (व्यापार करने में आसानी में सरकार की पहल) और बुनियादी ढांचे और सुधार नीतियों (जैसे, RERA) से भी कई प्रश्न उत्पन्न होते हैं।

मुद्रा और बैंकिंग क्षेत्र में, वित्तीय और बैंकिंग सुधारों जैसे, बैंकों के विलय, दिवालिया होने और दिवालिया कानून, जुड़वां शेष घाटे की समस्या, एनपीए, आदि से समय-समय पर भी प्रश्न उठते रहते हैं। इन चुनौतियों का सामान्य रूप से मार्गदर्शन करना आवश्यक होता है।

आर्थिक सर्वेक्षण और बजट का ध्यानपूर्वक पालन करने से हम अपनी अर्थव्यवस्था को सुधार सकते हैं। भारतीय अर्थव्यवस्था पर ग्यारहवीं कक्षा की NCERT की पुस्तकों का अध्ययन करने से हम अपने विषय की एक बुनियादी समझ प्राप्त कर सकते हैं।

भारतीय भूगोल विषय की तैयारी कैसे करें

भूगोल, यूपीएससी परीक्षा में एक महत्वपूर्ण विषय है। प्रारंभिक लिखित परीक्षा में भूगोल से कई प्रश्न पूछे जाते हैं। इसलिए, भारत के भौतिक पहलुओं को समझना बहुत आवश्यक है। यह भौतिक पहलू अर्थशास्त्र विषय में भी मदद करता है।

विश्व ज्योग्राफी को समझने के लिए, गोह चेंग लियोंग द्वारा लिखित ‘ए सर्टिफिकेट कोर्स इन फिजिकल एंड ह्यूमन जियोग्राफी’ नामक पुस्तक का अध्ययन बहुत सहायक होगा। इसके साथ ही, भूगोल के लिए छठी से बारहवीं तक की एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकों और एटलस का नियमित अध्ययन भी भूगोल विषय में अच्छी पकड़ बनाने में मदद करेगा।

आपके लिए भूगोल को समझने में ये सभी उपाय बहुत फायदेमंद साबित हो सकते हैं और आपको यूपीएससी परीक्षा में अधिकतम अंक प्राप्त करने में मदद कर सकते हैं।

इतिहास ओर संस्कृति विषय की तैयारी कैसे करें

पिछले कुछ वर्षों के प्रश्नों के ताज़ा पैटर्न का विश्लेषण करने से हमें यह पता चलता है कि इतिहास और संस्कृति से संबंधित प्रश्नों की संख्या में गिरावट आई है, लेकिन कठिनाइयों का स्तर बढ़ रहा है। हाल के वर्षों में, प्रश्न पहले से अछूते क्षेत्रों से पूछे जा रहे हैं। आधुनिक इतिहास में, अधिकांश प्रश्न 1857 और 1947 के बीच की अवधि से पूछे जा रहे हैं, जिसमें 1857 के विद्रोह, सामाजिक सुधार आंदोलन, गवर्नर जनरल्स और राष्ट्रीय आंदोलन शामिल हैं। प्राचीन भारत में, वैदिक युग, मौर्य काल और गुप्त काल से बहुत से प्रश्न पूछे जाते हैं। मध्यकालीन इतिहास में सल्तनत और मुग़ल काल सबसे महत्वपूर्ण हैं। हाल के वर्षों में मराठा, विजयनगर, बहमनी राज्य और दक्षिण राजवंशों को अधिक महत्व मिल रहा है। भारतीय संस्कृति का महत्व काफी बढ़ गया है। इतिहास और संस्कृति विषय में परीक्षा की तैयारी करने वाले उम्मीदवार को भारतीय संस्कृति के विकास का पर्याप्त ज्ञान (मुख्यता प्राचीन काल के समय), प्रारंभिक परीक्षा में अच्छे अंक लाने के लिए महत्वपूर्ण है।

करंट अफेयर्स की तैयारी कैसे करें

करंट अफेयर्स के साथ सीखने में बड़ा फायदा होता है, खासकर सिविल सेवा की तैयारी करने वालों के लिए। पिछले कई वर्षों से यह देखा गया है कि यूपीएससी परीक्षा में करंट अफेयर्स टॉपिक का महत्व बढ़ता जा रहा है। इसलिए, हमें इसे ध्यानपूर्वक अध्ययन करना अत्यंत जरूरी है।

करंट अफेयर्स विशाल एक क्षेत्र है जिसमें राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण घटनाएं, बहुपक्षीय विकास, खेल और विभिन्न क्षेत्रों में व्यक्तित्व सम्बंधित प्रश्न होते हैं। इसमें पुरस्कार, पुरस्कार, और सम्मान जैसे मुद्दे भी शामिल होते हैं।

करंट अफेयर्स और सामान्य ज्ञान के प्रश्न सामान्यतः समाचार पत्र-पत्रिकाओं के अलावा किताबों से भी आते हैं। इसलिए, हमें सिर्फ समाचार पत्र-पत्रिकाओं पर ही निर्भर नहीं रहना चाहिए, बल्कि हम कुछ अच्छी सामान्य ज्ञान की किताबों के माध्यम से भी तैयारी कर सकते हैं।

CSAT विषय की तैयारी कैसे करें

पाठ्यक्रम में परिवर्तन और CSAT की शुरूआत के बाद, अब दूसरे पेपर में जनरल मेंटल एबिलिटी और रीजनिंग के प्रश्नों को शामिल किया गया है। जनरल मेंटल एबिलिटी में प्रश्नों की संख्या में कठोरता के स्तर में वृद्धि देखी गई है, जिससे उत्तर देने में उतार-चढ़ाव आ सकता है। इसके अलावा, सवाल अब कम-प्रत्याशित क्षेत्रों से भी पूछे जा रहे हैं, जिससे तैयारी को थोड़ा और कठिन बना दिया गया है।

आपको ध्यान रखना है कि इस पेपर का पास होना अत्यंत महत्वपूर्ण है और उम्मीदवारों को कम से कम 33% अंक प्राप्त करने की आवश्यकता है। इसका अर्थ है, यदि कोई उम्मीदवार 33% से कम अंक प्राप्त करता है, तो उसे चयन के लिए योग्य नहीं माना जाएगा।

पेपर में कॉम्प्रिहेंशन और रीजनिंग के प्रश्न भी शामिल हैं, इसलिए पिछले वर्षों के प्रश्न पत्रों और मॉडल प्रश्नों का उचित अभ्यास करना आपके लिए एक अच्छा स्कोर हासिल करने में मददगार साबित होगा।

UPSC के अलावा एक backup plan भी रखें 

यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी में यह कोई जरूरी बात नहीं है। लेकिन लाखों उम्मीदवार जो IAS बनने का सपना लेकर यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करते हैं, वे इसमें सभी सफल नहीं हो पाते हैं। इसलिए, यदि आप परीक्षा में पास नहीं हो पाते हैं, तो एक प्लान बी तैयार रखना आपके लिए फायदेमंद होता है। यूपीएससी की तैयारी के समय आपने विश्व इतिहास, राजनीति, भूगोल, अर्थव्यवस्था, नैतिक सिद्धांतों, विभिन्न दार्शनिकों समेत अनेक चीजों के बारे में पढ़ा होगा, जो आपको अन्य कई परीक्षाओं में पास करने में मदद कर सकता है। इसीलिए, यूपीएससी की परीक्षा की सिर्फ तैयारी कर लेने से, यदि आप इसमें सफल नहीं होते हैं, तो भी एक अच्छी नौकरी ले सकते हैं।

तो 12वीं के बाद आईएएस की तैयारी करने के लिए विद्यार्थी उपयुक्त बातों का ध्यान रख सकते हैं। इसके अलावा, यूपीएससी की परीक्षा पास करने के लिए अन्य कई सामान्य निर्देश भी होते हैं, जिन्हें विद्यार्थी अनुसरण कर सकते हैं। IAS परीक्षा बहुत कठिन होती है और इसके लिए बहुत तैयारी की जरूरत होती है, इसलिए विद्यार्थियों को यह भी जानना चाहिए कि दसवीं के बाद आईएएस की तैयारी कैसे करें? तो इसके लिए भी वही बात है, आपको सतत और सही तरीके से, सही स्टडी मटेरियल के साथ पढ़ाई करती रहनी चाहिए। आईएएस के रूप में चयनित हो जाने पर आप DM, DC, Collector जैसे पदों पर नियुक्त होते हैं। इन पदों से संबंधित कई सवाल भी विद्यार्थियों के मन में रहते हैं, जैसे जिला कलेक्टर की सैलरी कितनी होती है? इसलिए, आईएएस की तैयारी कर रहे हैं विद्यार्थियों को इस तरह के सभी सवालों के जवाब पता होने चाहिए।

Conclusion

12वीं के बाद आईएएस की तैयारी करना एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जो विद्यार्थियों के जीवन में उन्नति और सम्मानजनक पदों तक पहुंचने का मार्ग साबित हो सकती है। इस पथ पर सफलता प्राप्त करने के लिए, सतत मेहनत, दृढ़ संकल्प और सही मार्गदर्शन की आवश्यकता होती है।

आईएएस की तैयारी करने के लिए पहले विद्यार्थियों को अपने लक्ष्य को स्पष्ट करना चाहिए। समझें कि आपको क्या प्राप्त करना है और इसके लिए कितने प्रयास करने होंगे। इसके बाद, एक विस्तृत अध्ययन योजना बनाएं जिसमें आप अपने विषयों के साथ समय व्यवस्था करें और अच्छे संसाधनों का उपयोग करें। अध्ययन के साथ-साथ, नियमित मॉक टेस्ट और पिछले वर्षों के पेपर्स का अध्ययन करना भी महत्वपूर्ण है।

अच्छे मार्गदर्शकों से संपर्क स्थापित करें जो आपको राह दिखा सकते हैं और आपके शंकाओं का समाधान कर सकते हैं। अपने दोस्तों और परिवार का साथ भी आपके सफलता में मददगार साबित हो सकता है। धैर्य, समर्थन और सक्रियता से भरी तैयारी करते हुए, आप अपने आईएएस सपनों को साकार करने में सफल हो सकते हैं।

ध्यान रखें कि आईएएस एक लंबी और मशक्कती भरी यात्रा है, इसलिए हार न मानें और अपने प्रयासों में सदैव सजग रहें। याद रखें, सफलता की कुंजी निरंतर मेहनत और परिश्रम में छिपी होती है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए न सिर्फ ज्ञान और तकनीकी अभिवृद्धि, बल्कि आत्मविश्वास और सकारात्मक सोच भी महत्वपूर्ण होते हैं।

आखिर में, अपने सपनों को पूरा करने के लिए संकल्पित रहें और परिश्रम से नहीं हटें। यदि आप लगातार प्रयास करते हैं और सही दिशा में अग्रसर रहते हैं, तो एक दिन आप अपने सपनों को हासिल करेंगे। जीवन के इस महान सफलता के अनुभव के लिए, आपको हमेशा प्रशांत मन से अपने लक्ष्य की ओर प्रगति करते रहना होगा।

FAQs 

  1. Q: क्या 12वीं के बाद ही आईएएस की तैयारी करनी चाहिए? उत्तर: नहीं, आईएएस की तैयारी के लिए 12वीं के बाद शुरुआत करना आवश्यक नहीं है। आप बैचलर्स डिग्री के बाद भी आईएएस की तैयारी कर सकते हैं।
  2. Q: क्या आईएएस की तैयारी के लिए कोचिंग इंस्टीट्यूट जरूरी है? उत्तर: नहीं, कोचिंग इंस्टीट्यूट जरूरी नहीं है, लेकिन यदि आपको सही मार्गदर्शन और संरचित पढ़ाई की आवश्यकता है तो आप कोचिंग को विकल्प के रूप में देख सकते हैं।
  3. Q: आईएएस की तैयारी के लिए विज्ञान विषय की अधिकतम उम्र सीमा क्या है? उत्तर: आईएएस की परीक्षा के लिए विज्ञान विषय में कोई अधिकतम उम्र सीमा नहीं है। कोई भी उम्र में आईएएस की तैयारी कर सकता है।
  4. Q: आईएएस की तैयारी के दौरान विशेष स्वयं-अध्ययन के लिए टिप्स क्या हैं? उत्तर: स्वयं-अध्ययन के लिए टिप्स: नियमितता बनाएं, दैनिक समय व्यवस्था करें, सम्बंधित पुस्तकें और संसाधनों का उपयोग करें, मॉक टेस्ट और पिछले वर्षों के पेपर्स का अध्ययन करें।
  5. Q: आईएएस परीक्षा में चयनित होने के बाद क्या पदों पर नियुक्ति होती है? उत्तर: आईएएस परीक्षा में चयनित होने के बाद आप DM, DC, Collector, आदि पदों पर नियुक्त हो सकते हैं, जो समाज की सेवा के लिए महत्वपूर्ण होते हैं।
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