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Football Ko Kaise Khela Jata Hai जानिए फुटबॉल के नियम (2023)

Football Ko Kaise Khela Jata Hai – यह एक रोमांचकारी खेल है जो दुनिया भर में लाखों लोगों द्वारा प्रिय किया जाता है। इस खेल में दो टीमें एक गेंद को गोल में मारकर पॉइंट्स के लिए प्रतिस्पर्धा करती हैं। फुटबॉल खेलने के लिए एक बड़े मैदान और दो गोल पोस्ट वाला विशेष ग्राउंड की आवश्यकता होती है। इस खेल को खेलने के लिए संयुक्त दखलने और ताकत का अच्छा ज्ञान होना आवश्यक होता है ताकि खिलाड़ियों को गेंद को गोल तक पहुंचाने में सफलता मिल सके।

Football Ko Kaise Khela Jata Hai जानिए फुटबॉल के नियम (2023)

Football क्या है

फुटबॉल एक समूह खेल है। इस खेल में दो समूह की टीम होती है, जिसमें ग्यारह-ग्यारह खिलाड़ी होते हैं। फुटबॉल के खेल में गेंद को पैर से ठोकर मारकर खेला जाता है, इसलिए इसे फुटबॉल कहा जाता है। दोनों टीमों में एक-एक गोलकीपर होते हैं जो विपक्षी दल के गेंद को रोकने का काम करते हैं।

यह एक विरोधी टीमों के बीच खेला जाने वाला एक आउटडोर खेल है। इस खेल को खेलने के लिए हाथों का उपयोग नहीं कर सकते, इसके अलावा आप सर, छाती इत्यादि अंगों का इस्तेमाल कर सकते हैं।

इस खेल में आपको पैरों का उपयोग करके गेंद को गोल तक ले जाना होता है। फुटबॉल खेल अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सबसे लोकप्रिय खेल माना जाता है।

Football Ko Kaise Khela Jata Hai

फूटबॉल खेल एक खिलाड़ी दलों के बीच खेला जाता है। इस खेल की अवधि लगभग 90 मिनट की होती है और इसे 45-45 मिनट के दो हाफों में विभाजित किया जाता है।

पहले हाफ के बाद, एक 15 मिनट का ब्रेक दिया जाता है। फ़ुटबॉल खेल की शुरुआत फ़ुटबॉल ग्राउंड के केंद्र सर्कल में होती है। दोनों टीमों में से एक टीम गेंद को किक मारकर इस खेल की शुरुआत करती है।

दोनों टीमों का मकसद अपने विरोधी के एरिया में गेंद को ले जाकर गोल करना होता है। जब अटैकिंग टीम गेंद को गोल करने की दिशा में जाती है, तो बॉल को गोल लाइन को पार करना बहुत जरुरी होता है।

90 मिनट के अंतराल में, जिस टीम को अधिक गोल मिलते हैं, उसे विजेता घोषित किया जाता है।

इसके अलावा, अगर दोनों टीमों के खिलाड़ियों में से किसी ने किसी भी प्रकार की उत्तेजना दिखाई, तो उसे रेड और येलो कार्ड के आधार पर खेल से कुछ देर के लिए बाहर किया जाता है।

इसके अलावा, यदि दोनों टीमों के गोल समान हो जाते हैं, तो उन्हें पेनल्टी शॉट में इस खेल को जीतने का मौका मिलता है।

फ़ुटबॉल खेल वास्तविक में एक मजेदार और रोमांचक खेल है, जिसे खेलने वाले खिलाड़ियों को ऊर्जावान रखने के लिए उन्हें बेहतर स्ट्रैटेजी और सही समय पर कार्रवाई लेने की आवश्यकता होती है। इसलिए, फ़ुटबॉल खेल को सफलतापूर्वक खेलने के लिए टीम को मिलकर काम करना आवश्यक होता है ताकि वे प्रतिस्पर्धी टीम को परास्त कर सकें और विजयी हो सकें।

Footballer Kaise Bane?

फुटबॉल खेलने का शौक रखने वाले लोगों के लिए फुटबॉल अकादमी ज्वाइन करना बेहद महत्वपूर्ण है। इससे आपको फुटबॉल के नियमों और तकनीक का अध्ययन होगा। आप अपने राज्य की किसी भी फुटबॉल अकादमी में शामिल हो सकते हैं।

उदाहरण के लिए, प्रीमियर इंडियन फुटबॉल अकादमी, ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन, मुंबई रीजनल अकादमी आदि में शामिल होने का विकल्प है। फुटबॉल अकादमी ज्वाइन करने की सबसे उचित उम्र 12 से 13 वर्ष है।

फुटबॉलर बनने के लिए न केवल प्रशिक्षण बल्कि एक अनुभवी कोच का मार्गदर्शन भी जरूरी है। अपने फुटबॉल प्रशिक्षण के दौरान, एक सार्थक और प्रभावशाली कोच का चयन करना आपके खेल को आगे बढ़ाने में मदद करेगा और आपको राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खिलाड़ियों को तैयार करने में सहायक होगा।

फुटबॉलर बनने के लिए, आपको अपनी मूल आवश्यकताओं को समझना भी जरूरी है। सेहत, फिटनेस, मेहनत, और तेज़ी इन मूल आवश्यकताओं में शामिल हैं। आपको स्वस्थ रहने के लिए पौष्टिक आहार का सेवन करना चाहिए और फिट रहने के लिए नियमित रूप से शारीरिक गतिविधियों और वर्कआउट का प्रयास करना जरूरी है। फुटबॉल अभ्यास को समय देना और खेल के नियमों को समझना आपके खेल में सुधार के लिए आवश्यक है।

एक फुटबॉल खिलाड़ी के रूप में, आपको खेल की मूल कौशल को समझने और उन्हें नियमित रूप से अभ्यास करने का ध्यान रखना बेहद आवश्यक है। पासिंग, रिसीविंग, ड्रिब्लिंग, हैडिंग, किक आदि जैसे मूल कौशलों का नियमित अभ्यास आपके खेल को बेहतर बनाने में मदद करेगा। जितना अधिक आप खेल को समझेंगे, आपके फुटबॉलर बनने की यात्रा में उतनी ही आगे बढ़ेंगे।

Football Player Kaise Bane

  • फुटबॉल अकादमी में प्रवेश लें

यदि आप फुटबॉल प्लेयर बनना चाहते हैं तो इसके लिए आपको फुटबॉल अकादमी ज्वाइन करना जरूरी है। इससे आपको फुटबॉल खेल के नियम और खेल का तरीका समझ आ जाएगा। आप चाहे तो अपने स्टेट की किसी भी फुटबॉल अकादमी को ज्वाइन कर सकते हैं।

उदाहरण के लिए- प्रीमियर इंडियन फुटबॉल अकादमी, ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन, मुंबई रीजनल अकादमी इत्यादि ज्वाइन कर सकते हैं। फुटबॉल अकादमी ज्वाइन करने की सबसे अच्छी उम्र 12 से 13 वर्ष होती है।

  • फुटबॉल खेल के नियमों को समझें

किसी भी खेल में माहिर होने के लिए खेल से जुड़ी बारीकी से बारीकी जानकारी होना बहुत जरूरी है। आप फुटबॉल खेल के बारे में जानने के लिए टेलीविजन पर फुटबॉल मैच देख सकते हैं इसके साथ ही यूट्यूब, गूगल इत्यादि की मदद ले सकते हैं।

जिस भी अकादमी में आप प्रशिक्षण ले रहे हैं, वहां के कोच से फुटबॉल के नियमों को समझ सकते हैं।

  • फुटबॉल की बेसिक स्किल सीखें

यदि आप पहली बार फुटबॉल खेल रहे हैं तो इस खेल की बेसिक स्किल के बारे में जानकारी होना आवश्यक है। खेल की बेसिक स्किल के बारे में जानकारी होने के साथ-साथ उनका नियमित अभ्यास करते रहना जरूरी है। बेसिक स्किल के अंतर्गत फुटबॉल पासिंग, रिसीविंग, ड्रिब्लिंग, हेडिंग, किक इत्यादि की नियमित प्रैक्टिस करना आवश्यक है।

जैसे- जैसे आप अपने खेल को सीखते हैं, आपके फुटबॉलर बनने की क्षमता बढ़ती है।

  • नियमित अभ्यास करें

एक बेहतर खिलाड़ी बनने के लिए नियमित अभ्यास करते रहना जरूरी है। निरंतर अभ्यास करने से आपके खेल में सुधार में वृद्धि होगी और आप एक बेहतर फुटबॉल खिलाड़ी बन पाएंगे।

  • शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत बनें

फुटबॉल एक ऐसा खेल है जिसमें खिलाड़ी का शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत होना जरूरी है। शारीरिक और मानसिक मजबूती के लिए आप शारारिक व्यायाम, रनिंग, योगा कर सकते हैं। शारीरिक क्रिया करने से शरीर मजबूत और लचीला होता है और दिमाग को मजबूती मिलती है।

  • स्कूल लेवल प्रतियोगिता में भाग लें

फुटबॉल सीखने के बाद सबसे पहले आप अपने स्कूल की फुटबॉल टीम में जुड़ना होगा। फुटबॉलर बनने के लिए सबसे पहला कदम स्कूल स्तर से शुरू होता है। स्कूल स्तर की फुटबॉल प्रतियोगिता में अच्छा प्रदर्शन करने के साथ मैच को जीतने का प्रयास करना जरूरी है। स्कूल स्तर में बेहतर प्रदर्शन करने से आपकी पहचान बढ़ने में मदद मिलेगी।

  • जिला स्तरीय प्रतियोगिता में भाग लें

अपने जिले के फुटबॉल टीम में प्रवेश लें, जिले स्तर में होने वाली प्रतियोगिता में अच्छे फुटबॉलर की खोज के लिए ट्रायल्स आयोजित किए जाते हैं। अगर आप अपनी फुटबॉल अकादमी में अच्छा प्रदर्शन करते हैं तो आपकी अकादमी वाले आपको ट्रायल्स में भेज सकते हैं। ट्रायल्स में अच्छा प्रदर्शन करने से आपको जिला स्तरीय में शामिल किया जा सकता है।

  • राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में भाग लें

जिला स्तरीय में होने वाली सभी प्रतियोगिताओं में भाग लेना जरूरी है। जिला स्तरीय में होने वाली फुटबॉल प्रतियोगिता में यदि आप अच्छा प्रदर्शन करते हैं तो इससे आपको राज्य स्तरीय खेलों में खेलने का मौका मिल सकता है। जिला स्तर में खेलने के साथ अपनी टीम को अच्छे रैंक पर लाना जरूरी है।

  • आईएसएल में प्रवेश लें

भारत में होने वाले फुटबॉल की सबसे बड़ी प्रतियोगिता आईएसएल है। इसमें प्रवेश करने के लिए आपको राज्य स्तरीय खेलों में अच्छा प्रदर्शन करना होता है। अगर आप राज्य स्तरीय फुटबॉल खेल में बाकि खिलाड़ियों से अच्छा प्रदर्शन करते हैं तो आपको आईएसएल में किसी टीम में भर्ती कर लिया जाता है।

Footballer Qualifications

फुटबॉल में एक खिलाड़ी की योग्यताओं में सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि उसे फुटबॉल खेल का अनुभव होना जरूरी है। वहां उसे कई सालों का निरंतर अभ्यास और अनुभव होना चाहिए।

उस खिलाड़ी को खेल में इस्तेमाल होने वाले सभी नियमों का अच्छे से ज्ञान होना चाहिए। उसे यह आना चाहिए कि कब, किस प्रकार से और कैसे बॉल को हैंडल करना है। साथ ही, उसे टीम के साथ साथ काम करने पर भी भरोसा रखना चाहिए और मिलकर खेलने का भी अनुभव होना चाहिए।

Footballer Gym Workout Plan

  • Single-Leg Squat
  • Dumbbell Bench Step-Ups
  • Burpee Pull-Ups
  • Lateral Band Walks
    Medicine Ball Push-Ups
  • Lateral Hurdle Sprints
  • Weighted Sled Drags
  • Hit on Treadmill

Footballer Ki Salary

Footballer Ki Salary 1 से 3 Sal अनुभव 4,09,719 Rs.
Footballer Ki Salary 8 Sal से ज्यादा अनुभव 6,77,025 Rs.

Footballer Ki Salary in India

Footballer Ki Salary  India Main 5,48,219 Rs. सालाना तक होती Hai.

Footballer Ki Highest Salary

Footballer Ki Highest Salary 7,50,00,000 Rs. तक होती है.

Football Mein Khiladiyon Ki Sankhya Kitni Hoti Hai

दोनों टीम में 11-11 खिलाड़ी Hote Hai

Football Ka King Kaun Hai

Football Ke King: Cristiano Ronaldo हैं.

Kaise होता है फुटबॉल मैच Me टॉस

दोस्तों, जैसा कि हम सभी जानते हैं, क्रिकेट और फुटबॉल दोनों ही खेलों में टॉस का महत्व होता है। क्रिकेट में टॉस जीतने वाली टीम कप्तान चुनता है कि उसकी टीम बोल्डिंग या फील्डिंग के साथ खेलेगी। वहीं, फुटबॉल में टॉस जीतने वाली टीम को गोल पोस्ट की तरफ से खेलना होता है और उसे पसंद भी करना पड़ता है। इससे मैच की शुरुआत में ही दोनों टीमें बराबरी पर खेल शुरू हो जाती है।

फुटबॉल मैच में मैदान दो तरफा बांटा होता है और दो गोल पोस्ट देखने को मिलते हैं, जिन्हें दो टीमों में बांट दिया जाता है। सामने वाली टीम जिस भी गोल पोस्ट में गोल करती है, उससे वे एक अंक प्राप्त करती हैं। फिर मैदान के बीच में सेंटर लाइन पर बॉल रखकर खेल फिर से शुरू होता है।

यह खेल अपने रूचिकर नियमों और रोमांचक रणनीतियों के कारण खूबसूरत है। इसे देखना और खेलना दोनों ही लोगों को बहुत मजा आता है। हम आशा करते हैं कि आपको हमारे इस लेख का आनंद आया होगा और आपने फुटबॉल के खेल के बारे में नए जानकारी प्राप्त की होगी। तो आप हमारे इस लेख को अंत जरूर पढ़ें. की Football Kaise Khelte Hain – Football कैसे खेलते हैं

कितने मिनट Ka Hota Hai फुटबॉल मैच

दोस्तों, फुटबॉल के मैच में समय का मिलना होता है लगभग 90 मिनट। गेम शुरू होता है और 45 मिनट के बाद दोनों टीमों को ब्रेक मिलता है। फुटबॉल का मैच एक होता है, जिसमें दोनों टीमें 45-45 मिनट के दो हाफों में खेलती हैं। इन 45-45 मिनट के हाफों में थोड़ा एक्स्ट्रा टाइम भी दिया जा सकता है, जो दोनों टीमों को और समय देता है। यह टाइम रेफरी के द्वारा तय किया जाता है। फुटबॉल में रेफरी का महत्व बिल्कुल क्रिकेट में एंपायर के समान है। रेफरी के निर्णय को सभी को मानना पड़ता है और इससे खिलाड़ियों के बीच नहीं होती कोई विवादित स्थिति। फुटबॉल में रेफरी को मदद करने के लिए एक और रेफरी मौजूद होता है, जो उनके साथ सहायता करता है।

बॉल को गोल (Goal) कैसे Karna Hota Hai

फुटबॉल खेलना बहुत मजेदार होता है। आप बॉल को किसी भी तरह से गोल कर सकते हैं, चाहे आप पैर या हेड से उसे गोल के अंदर डालें। जब बॉल पूरी तरह से गोल के अंदर चला जाता है, तभी हम उसे गोल मानते हैं। इसके लिए गोल डिस्कशन सिस्टम टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जाता है, जिससे बॉल को अंदर जाने की पुष्टि होती है। यदि बॉल गोल की लाइन से बाहर चला जाता है, तो हम उसे गोल किक कहते हैं।

सामने वाली टीम जब बॉल लेने की कोशिश करती है, उसे टैकल कहते हैं। टैकल करते समय अगर पैर फुटबॉल पर लगता है, तो सब ठीक है। लेकिन अगर आपका पैर फुटबॉल के स्थान पैर-पैर पर लग जाता है, तो वह फाउल होता है और उसे येल्लो कार्ड दिया जाता है। अगर कोई खिलाड़ी दो बार फाउल करता है, तो उसे रेड कार्ड दिया जाता है और उसे मैच के बाहर कर दिया जाता है। एक कंडीशन में कार्ड नहीं दिया जाता है – यदि किसी प्लेयर का हाथ लग जाता है, तो उसे फ्री किक दिया जाता है।

फाउल डिफेंस एरिया के बाहर होने पर फ्री किक समर्थित होता है, जिससे सामने वाली टीम को फ्री किक मिलता है और वे उस स्थान से किक मार सकते हैं। जब फाउल डिफेंस एरिया में होता है, तो हम पेनल्टी किक कहते हैं। पेनल्टी किक में सिर्फ गोलकीपर मौजूद होता है और खिलाड़ी को सीधे गोल करने का मौका मिलता है।

एक और तरीका है जिससे खिलाड़ी ऑफ साइड किया जा सकता है। जब उनका पास किया हुआ बॉल उनके टीम के लास्ट डिफेंडर से पीछे होता है, तो वे ऑफ साइड होते हैं और उनको गेंद नहीं मानी जाती, बल्कि उसे दूसरी टीम को दिया जाता है।

फुटबॉल खेलते समय इन नियमों का पालना करना महत्वपूर्ण होता है ताकि खिलाड़ी अच्छे से और नियमित खेल सकें और अच्छे रैंकिंग प्राप्त कर सकें।

फुटबॉल Khel Ke Niyam

स्ट्राइकर:-

दोस्तों स्ट्राइकर का काम फुटबॉल को गोलपोस्ट में डालना होता है.

डिफेंडर्स:-

दोस्तों, डिफेंडर्स का काम दोनों टीमों में यही होता है कि वे सामने वाली टीम को उनके खोल पोस्ट में गोल न करने दें, जबकि खुद गोल करने के लिए उन्हें आगे आना पड़ता है। इस तरीके से, उनका मुख्य ध्येय होता है विरोधी टीम के हमले को रोकना और अपनी टीम को सुरक्षित रखना। इससे वे गेम को अपने गुणसूत्र में खेलते हुए अपने टीम के लिए सफलता की ओर अग्रसर रहते हैं।

मिडफिल्डर्स:-

दोस्तों, मिडफिल्डर्स एक खास काम करते हैं जो उन्हें उनकी विपरीत टीम के साथी करना पड़ता है। वे अपनी टीम के खिलाड़ियों के पास से बॉल लेते हैं और उसे अपने टीम के खिलाड़ियों को पहुंचाते हैं। इस काम को करने के लिए उन्हें खुद को बहुत मेहनती बनाना पड़ता है क्योंकि वे खेल में बहुत मास्टर होने चाहिए। यह मिडफिल्डर्स का खास काम होता है जो उन्हें खेल में महत्वपूर्ण बनाता है और उनकी टीम को जीत की और आगे ले जाता है।

गोलकीपर:-

दोस्तों, दोनों टीमों में एक-एक गोलकीपर होता है। उनका मुख्य काम होता है गोलपोस्ट के सामने खड़ा रहना। जब भी सामने वाली टीम के किसी प्लेयर को गोल पोस्ट में गोल करने की कोशिश करते हैं, उन्हें उस बॉल को रोकने का काम भी करना पड़ता है।

थ्रो-इन:-

दोस्तों, थ्रो-इन के खेल में एक रेखा पाई जाती है, जिसके बाद बोल चला जाता है। इस रेखा को ‘बोल लास्ट’ कहा जाता है, जो प्लेयर को छूता है जिसे बोलने का अधिकार मिलता है। इसके अलावा, उस टीम को एक अवसर मिलता है जो सबसे पहले एक बार बोल को किक कर सकती है।

गोल किक:-

दोस्तों, यहां दो टीमें खेल रही हैं और खेलते दौरान एक बोल सीमा रेखा होती है, जिससे दूसरी टीम को बोल चली जाती है। आखिरी में, उस खिलाड़ी को जो बोल को छुआ होता है, उसके सामने वाली टीम को एक बार किक करने का अवसर मिलता है।

कॉर्नर किक:-

दोस्तों, दोनों टीमें बहुत अच्छे ढंग से खेल रही हैं। और यहां तक कि बॉल सीमा रेखा को पार कर जाता है। आखिरी में, जो खिलाड़ी बॉल को छूता है, उसके सामने वाली टीम को एक कॉर्नर से बॉल को किक करने का एक मौका मिलता है।

इनडायरेक्ट फ्री किक:

दोस्तों, इंडायरेक्ट फ्री किक एक खेल है जिसमें टीमें आपस में मुकाबला करती हैं। जब खेल शुरू होता है, तब कोई खिलाड़ी बॉल को सीमा रेखा के बाहर दौड़ाता है, जिससे खेल रुक जाता है। इसे ही इंडायरेक्ट फ्री किक कहते हैं। इस तरीके के खेल से खिलाड़ियों को खास ध्यान देने की आवश्यकता होती है ताकि उन्हें बेहतर रैंकिंग प्राप्त करने में मदद मिल सके। इसके लिए सर्च इंजन में पहले स्थान पर रैंक हासिल करने के लिए सीओएस के नियमों का ध्यान रखना बहुत महत्वपूर्ण होता है। आपके खेल के नए नियमों को और खासियतों को ध्यान में रखते हुए, आप खेल को और रुचिकर बना सकते हैं, जिससे खेल के प्रशंसकों का भी दिल जीत सकते हैं।

फुटबॉल के खेल में फाउल Ke Niyam

Yellow कार्ड:-

दोस्तों, फुटबॉल में ‘येलो कार्ड’ एक महत्वपूर्ण तत्व है। इसका मतलब होता है कि जब रेफरी किसी खिलाड़ी को येलो कार्ड दिखाता है, तो उस खिलाड़ी ने सामने वाली टीम के खिलाड़ी के साथ गलत बर्ताव किया होता है। इससे उसे मैदान के बाहर जाने की सजा मिलती है। फुटबॉल में यह एक सख्त नियम है जो खिलाड़ियों के बीच निष्पक्ष खेलने के लिए बनाया गया है।

येलो कार्ड खिलाड़ियों के लिए एक चेतावनी संकेत का काम करता है। इससे खिलाड़ी को अपने व्यवहार पर ध्यान देने का मौका मिलता है, ताकि वह खुद को सुधार सके और खेल में दिखाए गए गलत व्यवहार को सुधार सके। यह नियम भी सामंजस्यपूर्ण खेल को प्रोत्साहित करता है और खिलाड़ियों के बीच नीतिकता को बढ़ावा देता है।

येलो कार्ड के द्वारा रेफरी न्यायपूर्वक खेल का पुनर्व्यवस्थापन करता है और यह भी सुनिश्चित करता है कि खिलाड़ी खेल को नियमों के अनुसार खेल रहे हैं। इससे खिलाड़ियों के बीच विश्वास बढ़ता है और वे एक संघर्षपूर्ण मैदान में एकजुट होते हैं।

अगर आप एक फुटबॉल खिलाड़ी हैं या फिर फुटबॉल के शौकीन हैं, तो यह नियम आपको अपने खेल के नैतिक मूल्यों को समझने और उन्हें सुधारने में मदद करेगा। सही व्यवहार के साथ ही आप मैदान में एक उत्कृष्ट खिलाड़ी बन सकते हैं और सर्वांगीण विकास कर सकते हैं।

इसलिए, येलो कार्ड एक अहम खिलाड़ी और नियम का पालन करने वाले खिलाड़ियों के लिए एक सकारात्मक पहलू है, जो उन्हें मैदान में सफलता की ओर अग्रसर बनाता है।

Red कार्ड:-

दोस्तों, फुटबॉल में रेफरी द्वारा प्लेयरों को येलो कार्ड दिखाया जाता है। जब कोई प्लेयर उसके बाद भी अनुशासन न बरतते हुए सामने वाली टीम के साथ अच्छा व्यवहार नहीं करता है, तो रेफरी उसे रेड कार्ड दिखाता है। रेड कार्ड से अबैध्य अर्थ होता है कि मैदान से उस प्लेयर को निकाल दिया जाता है। ऐसा होने से उस टीम के प्लेयरों की संख्या धीरे-धीरे कम हो जाती है।

Off साइड:-

दोस्तों, फुटबॉल गेम में एक ऐसा गोल होता है जिसे फाउल के तौर पर नहीं गिना जाता है, और इसे ‘ऑफसाइड गोल’ कहते हैं। जब फुटबॉल मैच में किसी प्लेयर के पास बॉल नहीं होता है, तो वह दूसरे प्लेयर के आगे नहीं जा सकता है। जैसा कि मैंने पहले बताया था, किसी खिलाड़ी ने सामने वाली टीम के गोल पोस्ट के आसपास गोल करने का प्रयास किया है, तो उसे फाउल के तौर पर गिना जाता है। ध्यान देने वाली बात है कि इस गोल को पॉइंट में नहीं गिना जाता।

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निष्कर्ष

दोस्तों, मैं आपको इस आर्टिकल में बताने वाला हूँ कि “Football Ko Kaise Khela Jata Hai” – फुटबॉल कैसे खेलते हैं और आपको इस आर्टिकल को पढ़कर नॉलेज मिलेगा। तो आप इस जानकारी को अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ जरूर शेयर करें, क्योंकि यह नॉलेज उन्हें भी मिलेगा। अगर आपको इस आर्टिकल में कोई सवाल या समस्या हो, तो नीचे कमेंट में पूछें, हम आपको उसका जवाब जरूर देंगे। इसे सोशल मीडिया पर इतना वायरल करें कि आपके एक शेयर से बहुत से लोगों को फायदा हो सके। तो मिलते हैं अगले आर्टिकल में। तब तक के लिए धन्यवाद!

FAQs

प्रश्न: फुटबॉल खेलने के लिए मुझे किस प्रकार की फिजिकल तैयारी की आवश्यकता है?

उत्तर: फुटबॉल खेलने के लिए फिजिकल तैयारी की आवश्यकता होती है, जिसमें स्थायी रूप से एक्टिव रहना, रनिंग, स्ट्रेंथ ट्रेनिंग, और एक्सरसाइज शामिल होती है। समर्थ बने रहने के लिए योग और फिटनेस रखना भी महत्वपूर्ण है।

प्रश्न: फुटबॉल में अच्छे खिलाड़ी बनने के लिए टेक्निकल नौसिखिए कैसे हासिल करें?

उत्तर: फुटबॉल में अच्छे खिलाड़ी बनने के लिए ट्रेनिंग, प्रैक्टिस, और अध्ययन का महत्व है। टेक्निकल नौसिखिए हासिल करने के लिए पासिंग, ड्रिब्लिंग, शूटिंग, और बॉल कंट्रोल के अभ्यास पर ध्यान देना चाहिए।

प्रश्न: फुटबॉल खेलते समय घातक चोटों से कैसे बचें?
उत्तर: फुटबॉल खेलते समय घातक चोटों से बचने के लिए सुरक्षा के नियमों का पालन करें। शिनपैड, नी पैड, हेलमेट जैसी सुरक्षा सामग्री का उपयोग करें। बॉडी प्रोटेक्शन के साथ खेलना घातक चोटों से बचाने में मदद करता है।

प्रश्न: फुटबॉल में पासिंग और शूटिंग के लिए उपयुक्त तकनीकी टिप्स क्या हैं?

उत्तर: फुटबॉल में पासिंग के लिए, बॉल को सही तरीके से कंट्रोल करें और दूसरे खिलाड़ी को सटीक निशान देकर पास करें। शूटिंग के लिए, बॉल को फिर भीड़ देने के तरीके को सीखें और अच्छे गेम विजन के साथ गोल करें।

प्रश्न: फुटबॉल के लिए उचित ग्राउंड, फुटवियर, और अन्य उपकरण कौन से हैं और कैसे चुनें?

उत्तर: फुटबॉल के लिए उचित ग्राउंड एक फुटबॉल खेलने वाले अरेना के रूप में होना चाहिए। फुटवियर के लिए अच्छे फुटबॉल शूज चुनें जो आपके पैरों को सुरक्षित रखें और बॉल कंट्रोल को बेहतर बनाएं। अन्य उपकरण जैसे कि शिनगार्ड, ग्लव्स, और कैप्स भी सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण हैं।

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